मंगलवार, 1 मार्च 2016

खो जायेंगे ये रिश्ते

मैं कोई टिश्यू की तरह नहीं हूँ 
के वक़्त जरुरत तो काम ले लो मुझसे , आँसू पोंछ लो अपने 
फिर भुला दो मेरे वज़ूद को भी 

नम हो आती हैं आँखें 
क्यूँ बहाऊँ मैं मोती , जब नहीं तेरे लिये कोई कीमत इनकी 
तेरी अमीरी का शगल होगा ये 
दिल का भी रिज़क है कितना तेरे पास 

दो वक़्त की रोटी , ओढ़ने को छत , इससे आगे भी है जहाँ दूर तलक 
तू भाग रहा है जिसके पीछे-पीछे , खाई है उसके आगे-आगे 
तेरी नजरों में दुनियादारी ही रही , तू व्यापारी ही रहा 
हमें मालूम है , हैं अपने आसमाँ तक अलग-अलग 
सिक्कों की खनखनाहट में खो जायेंगे ये रिश्ते भी 
आँख से देखना , हैं ये ज़ख्म रिसते भी 
मैं कोई टिश्यू की तरह नहीं हूँ 

रिज़क =धन , दौलत